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अकबर का इतिहास अकबर का शासन काल अकबर की पत्नी और बच्चे अकबर द्वारा लड़े गए युद्ध। Akbar Ka Itihas Akbar Ki Patniya Akbar Ka Shasan Kal
अकबर का पूरा नाम जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर है।
अकबर का जन्म 25 अक्टूबर 1542 ईसवी में हुआ था अकबर मुगल वंश का तीसरा शासक था अकबर के पिता का नाम नसरुद्दीन हुमायूं और माता का नाम हमीदा बानो है।
अकबर के दादा बाबर ने मुगल वंश की स्थापना की थी।
अकबर के वंशज तैमूर और मंगोल चंगेज खान से संबंधित है।
अकबर के पिता नसरुद्दीन हुमायूं तैमूर लंग के वंशज थे और उनकी माता हमीदा बानो चंगेज खान की वंशज थी।
अकबर की मृत्यु 27 अक्टूबर 1605 ईसवी को हुई थी।
जब अकबर के पिता की मृत्यु हुई तो वह मात्र 13 वर्ष का था इतनी छोटी आयु में अकबर दिल्ली के तख्त पर बैठा ।
मुगल बादशाहों में अकबर ही कैसा राजा था जिसने हिंदू और मुसलमान दोनों वर्ग के लोगों को बराबर अधिकार और सम्मान दिए अकबर दूरी को कम करने के लिए दीन ए इलाही नाम से एक धर्म की स्थापना भी की।
का दरबार अकबर का दरबार सभी के लिए हर वक्त खुला रहता था उसके दरबार में मुस्लिम अधिकारियों से ज्यादा हिंदू अधिकारी से।
अकबर ने हिंदुओं पर लगने वाले जजिया कर के साथ-साथ बहुत से इस प्रकार के कार्य किए हैं जिसे हिंदू भी उसे बहुत प्रेम करते हैं
Akbar Ka Shasan Kal | अकबर का शासन काल
- अकबर का शासन 1556 से लेकर 1605 ईसवी तक था।
- अकबर जब 13 साल की उम्र में गद्दी पर बैठा तो उसके संरक्षक के रूप में बैरम खां को नियुक्त किया गया। बैरम खान 4 वर्ष तक 1556 से लेकर 1560 ईस्वी तक अकबर का संरक्षक रहा। बैरम खान की हज यात्रा के दौरान 1961, 31 जनवरी को बैरम खान की हत्या मुबारक खान द्वारा हुई।
- अकबर का राज्य तिलक 14 फरवरी 1556 में पंजाब राज्य के कलानौर नामक स्थान पर हुआ इसी समय अकबर को जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर की उपाधि दी गई।
- अकबर की गद्दी पर बैठने के बाद ही पानीपत की दूसरी लड़ाई राजा हेमू और अकबर के बीच 5 नवंबर 1956 को हुई इस युद्ध में राजा हेमू पराजित हुआ और अकबर विजई हुआ था।
- महाराणा प्रताप और अकबर के बीच हल्दीघाटी का युद्ध अरे जून 1576 को हुआ था युद्ध में अकबर की विजय हुई और महाराणा प्रताप पराजित हुए इस युद्ध में अकबर की सेना का नेतृत्व मानसिंह और आसिफ खान ने किया था।
- गुजरात को जीतने के बाद अकबर ने पहली बार समंदर देखा और पुर्तगालियों से मिला।
अकबर को कला साहित्य का बड़ा शौक था उनके दरबार में यह विषय से जुड़े नवरत्न भी थे।
राजा बीरबल बीरबल का असली नाम महेश दास था अकबर द्वारा उन्हें राजा बीरबल नाम दिया गया था अकबर के नौ रत्नों में सबसे प्रसिद्ध हैं
तानसेन
तानसेन का असली नाम तन्ना मिश्रा था वह पहले हरिदास के शिष्य थे उसके बाद मोहम्मद गौस से इन्होंने संगीत सीखा और मुगल दरबार की एक प्रमुख संगीतकार बने।
अबुल फ़ज़ल
अबू फजल एक लेखक थे और इन्होंने अकबरनामा और आईने अकबरी नामक पुस्तक लिखी।
फैजी
फैजी एक प्रख्यात कवि थे और यह अबुल फजल के भाई हैं।
राजा मानसिंह
राजा मानसिंह अकबर की पत्नी जोधा बाई के खानदान से थे यह जोधा के पिता भारमल के पोते थे यह मुगल सेना के सेनापति थे।
राजा टोडरमल
राजा टोडरमल मुगल दरबार में खजांची थे यह मुगल दरबार की राजस्व प्रणाली में सुधारों के जिम्मेदार हैं।
मुल्ला दो प्याजा
मुल्ला दो प्याजा मुगल दरबार में एक सलाहकार के रूप में काम किया करते थे।
फकीर अजूउद्दीन
यह दरबार में प्रमुख सूफी फकीर थे और दरबार की एक अहम सलाहकार की भूमिका में भी थे।
अब्दुल रहीम khan-e-khana
अब्दुल रहीम बैरम खान के पुत्र थे जो एक समय पर अकबर के संरक्षक हुआ करते थे अब्दुल रहीम को उनकी गजल और दोनों के लिए जाना जाता है।
Akbar Ki Patniya | अकबर की पत्नियां
वैसे तो पुराने समय में हर राजा की बहुत सारी पत्नियां होती थी इस मामले में अकबर भी कुछ अलग नहीं थे अकबर की 7 पत्नियां थी।
रुकैया सुल्तान
और की पहली पत्नी रुकैया बेगम थी मात्र 15 साल की उम्र में ही रुकैया बेगम और अकबर की शादी कर दी गई। रुकैया सुल्तान की मृत्यु 82 वर्ष की उम्र में आगरा में हुई।
सलीमा सुलतान बेगम
अकबर की दूसरी पत्नी का नाम सलीमा सुल्तान बेगम इनका जन्म 13 फरवरी 1539 ईस्वी में हुआ था यह तैमूर की वंशज थी।
सलीमा सुल्तान बेगम का विवाह पहले बैरम खान से हुआ परंतु 1561 में बैरम खान की हत्या के बाद सलीमा का विधवा हो गई जिसके बाद अकबर ने इन से निकाह कर लिया। इनकी मृत्यु 73 वर्ष की उम्र में 15 दिसंबर 1612 में हुई।
जोधा बाई
जोधा राजा भारमल की सबसे बड़ी पुत्री थी जोधा बाई की माता का नाम चंपावती है।
इनका जन्म 1542 ईसवी में हुआ था।
अकबर की तीसरी पत्नी थी क्योंकि अकबर की पहली दोनों पत्नियों से उनका कोई पुत्र नहीं था इसलिए इन्हें मरियम उज़-ज़मानी की उपाधि दी गई।
इस उपाधि को धारण करने वाली रानी का पुत्र ही भविष्य में राजा का उत्तराधिकारी बनता है।
जोधा बाई के पुत्र सलीम ही बाद में मुगल बादशाह जहांगीर के रूप में जाने गए।
बीवी दौलत शाद
एक बार अकबर शिकार पर गए हुए थे और शिकार के दौरान ही उनकी नजर की खूबसूरत महिला पर पड़ी है और अकबर को इनसे प्यार हो गया यह अकबर की चौथी पत्नी बीवी दौलत साथी।
यह पहले से शादीशुदा थी बाद में अकबर ने आदेश देकर इनका तलाक करवाया और 1562 में इन से विवाह कर लिया इनसे अकबर को दो पुत्रियां में पहली का नाम सके रुणिचा और दूसरी का नाम आराम बानो था।
- कसीमा बानो
- भक्करी बेगम
- गौहरूँन निशा
Note-: तीन पत्नियों के विषय में इतिहास में बहुत कम जानकारी मिलती है पर इनका योगदान भी मुगल सल्तनत में अहम था।
अकबर का पूरा नाम क्या था?
अकबर का पूरा नाम जलालुद्दीन मोहम्मद अकबर था।
अकबर को महान क्यों कहा जाता है?
अकबर ने हिंदू और मुस्लिम दोनो धर्मों को लोगो को समान अधिकार दिए जजिया जैसे करो को समाप्त किया।
अकबर की उम्र कितनी थी जब वो सिंहासन पर बैठा?
अकबर 13 वर्ष की उम्र में सिंहासन पर बैठा।
अकबर की कितनी पत्नियां थीं?
अकबर की 7 पत्नियां थी।