Depression | डिप्रेशन

Depression

डिप्रेशन (अवसाद) के लक्षण डिप्रेशन क्या है डिप्रेशन क्यों और कब होता है डिप्रेशन का इलाज
Dipression Kya Hai Depression Ke Lakshan Depression Ke Karan Aur Upay

Depression

इस संघर्ष भरे संसार में जहां हर कदम पर प्रतिस्पर्धा है वहां कुछ हारने, कुछ जीतना, सुख-दुख का होना स्वाभाविक है।
कोई असफलता या कोई संघर्ष या किसी अपने प्रिय से दूर होना, या जीवन में होने वाले कोई बहुत बड़े परिवर्तन का दुख लंबे समय तक रहे जिसके कारण हमारी दैनिक दिनचर्या बहुत अधिक प्रभावित होती है ऐसी परिस्थिति को ही डिप्रेशन या अवसाद नाम दिया जाता है।
इस अवस्था में हमारे सोचने समझने की शक्ति लगभग समाप्त सी हो जाती है व्यक्ति अंदर से खोखला हो जाता हैं और
मन मस्तिष्क में नकारात्मक विचार आते हैं और हम किसी भी विषय वस्तु के बारे में बहुत ज्यादा सोचने लगते हैं।

विश्व स्वास्थ्य संगठन, WHO के अनुसार दुनिया भर में लगभग 30 करोड लोग डिप्रेशन के शिकार हैं इनमें से अधिकतर लोगों को इलाज नहीं मिल पाता हैं। भारत जैसे देश में खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में डिप्रेशन को बीमारी समझा ही नहीं जाता है भारत में लगभग 5 से 10 करोड लोग डिप्रेशन के शिकार हैं।

Depression Kyon Hota Hai | डिप्रेशन क्यों होता है

Depression Kyon Hota Hai
  • डिप्रेशन शारीरिक और मनोवैज्ञानिक दोनों कारणों से हो सकता है।
  • हमारे दिमाग के कुछ केमिकल्स में बदलाव होते है जैसे Serotnin, Norepinephrine और Dopamine, इनकी कमी होती है तो डिप्रेशन के लक्षण आ सकते है।
  • मनोवैज्ञानिक कारणों में सबसे मुख्य, जब हमारे जीवन में कोई विषम परिस्थिति आती है तो हमारे मस्तिष्क में नकारात्मक विचारों का एक चक्र सा बन जाता है जो डिप्रेशन के लक्षणों को बढ़ावा देती है।
  • एक वयस्क व्यक्ति को लगभग 7 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए ।हमारी आजकल की जीवनशैली में बेतहाशा बढ़ते मोबाइल के प्रयोग, देर रात तक मोबाइल चलाना लगभग हर किसी की आदत बन चुकी है पर्याप्त नींद न लेने के कारण दिन भर थकान रहना है और किसी काम में मन नहीं लगता धीरे-धीरे यह आदत बढ़ते-बढ़ते हैं हमे गंभीर बीमारियों से ग्रसित कर देती है और यह डिप्रेशन का भी एक कारण बनती है।
  • मादक पदार्थों का प्रयोग हर इंसान के जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं इनका सामना करने के बजाय गलत संगत में आकर मादक पदार्थों का सेवन करने लगते हैं इसके लिए वह भले ही कुछ समय के लिए अपनी समस्याएं भूल जाते हो परंतु इससे उनकी समस्याओं का सामना करने की क्षमता खत्म होती जाती है और जब उनके सामने कोई समस्या आती है तो भयंकर डिप्रेशन का शिकार हो जाते हैं।
  • डिप्रेशन की कुछ अन्य कारण भी हैं जैसे अपनी इच्छाओं का समाज के डर के कारण त्याग करना, आनुवंशिक समस्या, रोजगार का ना होना और आर्थिक स्थिति खराब होना, यह भी डिप्रेशन के कारण हो सकते हैं।
  • गलत व्यक्ति का चुनाव जब हम अपने जीवन में किसी एक व्यक्ति के लिए अपना सब कुछ त्याग देते हैं अभी क्षमता के हिसाब से हम उसके लिए वह सब कुछ करते हैं जो हम कर सकते थे उसके बाद भी उस सामने वाले व्यक्ति द्वारा हमेशा खुद को अपमानित महसूस करना या उसके द्वारा हर बात पर आपको उपेक्षित करना आदि चीजें लगातार होती रहती हैं तो हमारे मन में एक कुंठा बढ़ती जाती है और धीरे-धीरे यह बहुत भयानक डिप्रेशन के रूप में बदल जाती है।
  • हम अपने जीवन में किसी को बहुत महत्वपूर्ण स्थान देते हैं और उसके द्वारा हमारे साथ कुछ गलत किया जाता है यह चीज हमारा दिल और दिमाग स्वीकार नहीं कर पाता जिसके कारण हम गहरे तनाव में रहने लगते हैं धीरे-धीरे या तनाव कब अवसाद में बदल जाता है यह हमें पता भी नहीं चलता।
  • रिलेशनशिप को लेकर आजकल की स्त्री और पुरुषों में जो इमानदारी होती है आप समझ सकते हैं किस तरह की होती है डिप्रेशन का एक कारण बनता है

Depression Ke Lakshan | डिप्रेशन के लक्षण

Depression Ke Lakshan
  • आमतौर पर हर मनुष्य के जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते हैं और जिंदगी भर लगी रहने वाली प्रक्रिया है।पर डिप्रेशन और सामान्य दुख में अंतर होता है
  • अगर हम किसी भी समस्या के कारण दुखी हैं और उसके बाद हमें कोई अच्छी खबर मिलती है तो हम खुश हो जाते हैं परंतु डिप्रेशन या अवसाद की स्थिति में ऐसा नहीं होता चाहे कोई त्यौहार हो, कोई समारोह हो, हमारे लिए कितनी खुशी का दिन क्यों ना हो हम हमेशा उदास रहने लगते हैं।
  • या तो हमें बहुत ज्यादा नींद आती है यहां हम बहुत कम सोते हैं हर काम में नीरसता आने लगती है हमारा किसी काम में मन नहीं लगता और बार-बार नकारात्मक विचार आते रहते हैं।
  • हम कोई फैसला नहीं ले पाते हम हर वक्त स्वयं को दोषी मानते हैं।
  • हर वक्त थकान से गिरे रहते हैं सा आलस महसूस होता है।
  • अवसाद की स्थिति में अचानक से हमारा वजन बढ़ भी जाता है या कम भी हो सकता है।
  • हर वक्त सर में दर्द रहना, खालीपन महसूस करना, और बात बात पर गुस्सा हो जाना, चिड़चिड़ापन आना अवसाद के लक्षण है।
  • किसी परीक्षा या प्रोजेक्ट के लिए कठिन मेहनत करना और किसी कारण वश उस में असफल होने के बाद उसी सोच में डूबे रहना हर वक्त उस परीक्षा या प्रोजेक्ट के बारे में सोचना भी अवसाद के लक्षण हैं।
  • ओवरथिंकिंग किसी भी विषय वस्तु के बारे में जरूरत से बहुत ज्यादा सोचना अक्सर ऐसा होता है जब हम सोने जाते हैं तो हम कुछ ना कुछ सोचने लगते है और सोचते-सोचते 2 या 4 घंटे कैसे बीत जाते हैं हमें पता भी नहीं लगता।

नोट-: अगर इनमें से चार या पांच लक्षण आप 2 हफ्ते से ज्यादा महसूस करते हैं तो आप डिप्रेशन के शिकार हैं।

Depression Se Bahr Kaise Aaye | डिप्रेशन का उपाय

Depression Ke Upay
  • सबसे पहले हमें इस बात में शर्म महसूस करने की आवश्यकता नहीं है कि हम इतने स्ट्रांग हैं फिर भी हम डिप्रेशन में चले गए डिप्रेशन की बीमारी है जिसका आप कितने ताकतवर हैं इससे कोई लेना देना नहीं है। यह धारणा बिल्कुल गलत है कि जो डिप्रेशन में होते हैं वह मानसिक तौर पर कमजोर होते हैं।
  • आप किसी चिकित्सक की सलाह से दवाइयां ले सकते हैं जो हमारे दिमाग में केमिकल Serotnin, Norepinephrine और Dopamine के लेवल बढ़ाएं।
  • जरूरत पड़ने पर हमें साइकोलॉजिस्ट से साइकोथेरेपी भी लेनी चाहिए। साइकोथेरेपी सेशन में हमें यह सिखाया जाता है कैसे हम अपने दिमाग में आ रहे नकारात्मक विचार को किसी अन्य विचार से बदलें।
  • हमें व्यायाम, मेडिटेशन नियमित रूप से करना चाहिए इससे नकारात्मक विचार और बेचैनी धीरे-धीरे कम होने लगती।
  • ऐसे काम करें जिस काम को करने के बाद आपको खुशी मिलती हो और आप अपने आप को व्यस्त रखें जैसे म्यूजिक सुनना, मूवी देखना, कही बाहर घूमने जाना आदि चीजें आप कर सकते हैं।
  • कहते हैं स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का विकास होता है हमें अपने आहार को संतुलित रखना है

भारत में कितने % लोग डिप्रेशन के शिकार है?

लगभग 20% लोग अवसाद के शिकार है।

पुरुषो की अपेक्षा स्त्रियां अवसाद का शिकार अधिक क्यों होती है?

पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियां डिप्रेशन का शिकार अधिक होती हैं यह माना जाता है कि महिलाओं में होने वाले हार्मोन चेंज इसका प्रमुख कारण है।

क्या मानसिक रूप से कमजोर लोग ही डिप्रेशन का शिकार होते है?

डिप्रेशन का मानसिक या शारीरिक रूप से कमजोर या मजबूज होने का कोई लेना देना नही है। यह एक सामान्य बीमारी है जो किसी को भी हो सकती है।

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