Table Of Contents
- 1 Humayun 1530-1556
- 1.1 हुमायूं की शिक्षा / Education of Humayun
- 1.2 हुमायूं की पत्निया / Wife’s of Humayun
- 1.3 हुमायूं द्वारा लड़े गये चार मुख्य युद्ध / Four Main Wars Fought by Humayun
- 1.4 चौसा का युद्ध 1539 / Battle of Chausa 1539
- 1.5 सरहिंद का युद्ध 1555 / Battle of Sarhind 1555
- 1.6 हुमायूँ की मृत्यु कब हुई थी?
- 1.7 हुमायूनामा किसने लिखा
- 1.8 हुमायूँ का मकबारा किसने बनवाया?
- 1.9 हुमायूँ का मकबारा किसने बनवाया?
- 1.10 मुग़ल सम्राज्य का दूसरा शासक कौन था ?
अगर आप भी एसएससी या किसी अन्य विभाग में सरकारी नौकरी की तैयारी करते हैं तो आपने मुगलकालीन इतिहास जरूर पढ़ा होगा
Hitory Of Humayun in hindi / हुमायूँ का इतिहास, में हम ऐसे ही एक महत्वपूर्ण मुगल बादशाह के बारे में पढ़ेंगे जो हमारे एग्जाम की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है मुगल साम्राज्य का दूसरा शासक / Second Emperor of Mughal Ruler
Humayun 1530-1556
- नसीरूद्दीन हुमायूं का जन्म 6 मार्च 1508 मे काबुल मे हुआ ।
- नसीरूद्दीन हुमायूं की माता का नाम माहम बेगम था।
- सिंहासन पर बैठाने से पहले नसीरूद्दीन हुमायूं बदख्शां प्रदेश का सूबेदार था जो कि 12 साल की अवस्था में मिला ।
- हुमायूं को इतिहास में नसीरूद्दीन मोहम्मद के नाम से भी जाना जाता है।
- मुगल साम्राट बाबर के मृत्यु के बाद उनका उत्तराधिकारी नसीरूद्दीन हुमायूं हुआ जो की बाबर के चार पुत्रो मे से सबसे बड़ा ओर सबसे प्रिया था ।
नसीरूद्दीन हुमायूं 29 दिसंबर 1530 ई को आगरा के सिंहासन पर बैठा उस समय नसीरूद्दीन हुमायूं 23 वर्ष का था।
- हुमायूं सम्राट बाबर का प्रिय पुत्र था जो कि उनकी आज्ञा का पालन करता था और बदख्शां का सूबेदार रहते हुए हुमायूँ ने भारत के सभी अभियानों मैं हिस्सा लिया जिसका नेतृत्व मुगल सम्राट बाबर ने किया।
- मुगल सम्राट बाबर को पता था कि उनके बाद से सिंघासन के लिए सभी भाइयों में युद्ध हो सकता है इसलिए उन्होंने पहले ही तय कर दिया था कि नसीरूद्दीन हुमायूं को सिंघासन पद पर बैठा दिया जाए और बाकी पुत्रों को राज्यों में विभाजन करके उन्हें भी उन राज्यों की जिम्मेदारी दी जाए।
- सिंहासन पर बैठने के बाद नसीरूद्दीन हुमायूं ने अपने राज्य को बाकी के भाइयों में बंटवारा कर दिया और अपने चचेरे भाई को भी एक राज्य दिया।
हुमायूं की शिक्षा / Education of Humayun
- हुमायूं बाबर का प्रिय पुत्र होने के कारण उन्हे अच्छी शिक्षा- दिक्षा का प्रबन्ध किया गया था।
- हुमायूं ने कई भाषा का ज्ञान हसील किया जिसमे तुर्की, अरबी,हिंदी और फारसी शामिल है।
- हुमायूं ने गणित और दर्शनशास्त्र की भी शिक्षा हसील किया था।
इश्के अतिरिक्त हमायूँ ने ज्योतिष शास्त्र की भी ज्ञान प्राप्त किया जिसके उपरांत हुमायूं सप्ताह के सातों दिन अलग अलग रंग के कपड़े पहना करता था।
भाईयों मे राज्य का बटवारा
कामरान | काबुल,कंधार,पंजाब |
मिर्जा असकरी | सँभल |
मिर्जा हिन्दाल | अलवर, मेवाड़ |
सुलेमान मिर्जा ( चचेरा भाई) | बदख्शां प्रदेश |
हुमायूं की पत्निया / Wife’s of Humayun
- हमिदा बानू बेगम
- बिगेह बेगम
- चाँद बीबी
- हाज़ी बेगम
- शहज़ादी ख़ानम
- बेगा बेगम
- मिवेह- जान
- माह- चुचक
हुमायूं द्वारा लड़े गये चार मुख्य युद्ध / Four Main Wars Fought by Humayun
- देवरा का युद्ध 1531
- चौसा का युद्ध 1539
- बिलग्राम का युद्ध 1540
- सरहिंद का युद्ध 1555
देवरा का युद्ध 1531 / Battle of Devra 1531
यह युद्ध संग्राम 1531 ई मे आफगान और मुग़ल शासक के बीच लड़ा गया। जिसमेें आफगान के सेना का नेतृत्व महमूद लोदी ने किया और मुगल सेना के शासक हुमायूं ने किया। इस युद्ध मे आफगानों की हार हुई और हुमायूं ने विजय प्राप्त की। विजय प्राप्त करने के दौरान हुमायूं ने चुनार के किले पर कब्ज़ा कर लिया जो किला पहले शेरशाह सुरी ने हुमायूं के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और संधि स्वीकार कर लिया। संधि स्वीकार करने के कारण हुमायूँ ने शेरशाह को किला वापस दे दिया बदले मे शेरशाह सूरी ने अपने बेटे क़ुतुब खान को सेना के एक टुकड़ी के साथ हुमायूँ को उपहार के रूप मे दे दिया।
चौसा का युद्ध 1539 / Battle of Chausa 1539
25 जून 1539 ई मे शेर शाह सूरी (शेर ख़ा) और हुमायूँ के बीच यह युद्ध हुआ
इस युद्ध मे शेर शाह सूरी की विजय हुई और हुमायूँ की हार हुई
इस युद्ध के बाद शेर ख़ा ने शेर शाह की पदवी ग्रहण कर ली
बिलग्राम का युद्ध 1540 / Battle of Bilgram 1540
- 17 माई 1540 मे शेर ख़ा और हुमायूँ के बीच भीषण युद्ध हुआ।
- हुमायूँ को यह मालूम था की शेर शाह की सेना उनकी सेना के मुकाबले बहुत ताकतवर है और शेर ख़ा को इस लड़ाई मे हराना आसान नही है ।
- इस युद्ध मे भी हुमायूँ की हार हुई और अपनी जान बचाने के लिए हुमायूँ रणभूमि से भाग निकले। इस युद्ध के बाद बादशाह हुमायूँ को भारत छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। शेर ख़ा ने आसानी से आगरा और दिल्ली पर कब्ज़ा कर लिया।
- बिलग्राम युद्ध के बाद हुमायूँ सिंध चला गया जहाँ उसने 15 वर्षो तक इधर उधर घुमाक्कड़ो जैसा निर्वासित जीवन व्यतीत किया।
- निर्वासन के समय हुमायूँ ने हमींदा बानू बेगम से 29 अगस्त 1541 ई को निकाह किया जो की हिंदाल के आध्यात्मिक गुरु फारसवासी शिया मीर बाबा दोस्त / मीर अली अकबर जामी की बेटी थी।
- बानू बेगम के पुत्र का नाम अकबर था।
सरहिंद का युद्ध 1555 / Battle of Sarhind 1555
- इस्लाम शाह सूरी के मृत्यु के बाद सूरी साम्राज्य के दवेदारों ने सिंहासन पाने के लिए एक ग्रहयुद्ध मे परिवर्तन कर दिया ।
- इस मौके का फ़ायदा उठाकर हुमायूँ ने काबूल से एक सेना तैयार किया और फरवरी 1555 मे लाहौर और रोहतास किला पर हमला करके कब्ज़ा कर लिया।
- हुमायूँ और बैरम खान ने एक जबरदस्त साहसी हमला किया जैसे की शेर शाह सूरी ने हुमायूँ को हराने के लिए चौसा की लड़ाई मे किया था।
- सिकंदर शाह सूरी मुगल सेना से हार गया और पंजाब के शिवलिक पहाडियों पर वापस जाने के लिए मजबूर होना पड़ा।
- विजय प्राप्त करने के बाद मुग़लो ने दिल्ली पर कब्ज़ा कर लिया और भारत मे अपना साम्राज्य फिर से इस्थापित कर लिया।
हुमायूँ की मृत्यु कब हुई थी?
1 जनवरी 1556 ई को दीन पनाह नामक भवन के पुस्तकालय मे सीढ़ियों से गिरने के कारण काफी चोट लग गयी जिनके उपरांत हुमायूँ की मृत्यू हो गयी।
हुमायूनामा किसने लिखा
हुमायूँ पर आधारित हमायूनामा की रचना गुल बदन बेगम ने किया जो हुमायूँ की बहन थी और अपने भतीजे सम्राट अकबर के अनुरोधः पर लिखा ।
हुमायूँ का मकबारा किसने बनवाया?
हुमायूँ का मकबारा ( 1569-1570 ) मे हमायूँ की पहली पत्नी महारानी बेगा बेगम ( हाजी बेगम) ने फ़रासी वस्तुकार मिरक मिर्जा घिसाय द्वारा बनवाया ।
हुमायूँ का मकबारा किसने बनवाया?
हुमायूँ का मकबारा ( 1569-1570 ) मे हमायूँ की पहली पत्नी महारानी बेगा बेगम ( हाजी बेगम) ने फ़रासी वस्तुकार मिरक मिर्जा घिसाय द्वारा बनवाया ।
मुग़ल सम्राज्य का दूसरा शासक कौन था ?
मुग़ल साम्राज्य का दूसरा शासक हुमायूँ था।