शाहजहाँ का इतिहास/ History of Shajhan

शाहजहाँ का इतिहास

मुग़ल साम्राज्य का पांचवा शासक शाहजहाँ । शाहजहाँ का इतिहास/ History of Shajhan में आपको शाहजहां के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारियां मिलेंगी जो आपके सभी परीक्षाओं में काफी सहायता करेंगे। शाहजहाँ ने अपने शासन मे बहुत से कार्य किये है जिसके बारे मे आपको सारी जानकारिया हमारे ब्लॉग मे मिलेगा और आपको सभी मुगल शासको के बारे मे सारी जानकारिया studyaf.com पर मिलेगा ।

History of Shajhan in hindi

शाहजहाँ का जन्म
खुर्रम ( शाहजहाँ) का जन्म 5 जनवरी, 1592 ई मे लाहौर मे हुआ था ।
इनकी माता का नाम जगत गोसाई था जो की जोधपुर के शासक राजा उदय सिंह की पुत्री थी।

शाहजहाँ का शासन
शाहजहाँ का नाम खुर्रम था और जहांगीर का तीसरा बेटा जो
4 फरवरी,1628 ई को शाहजहाँ आगरा मे अबुल मुजफ्फर शहाबुद्दीन मुहम्मद साहिब किरन-ए-सानी की उपाधि प्राप्तकर सिंहासन पर बैठा ।
शाहजहाँ ने आसफ ख़ा को वजीर पद और महावत ख़ा को खानखाना की उपाधि प्रदान की।


खुर्रम का नाम शाहजहाँ
खुर्रम ने अहमदनगर के वजीर मलिक अम्बर के विरुद्ध युद्ध विजय हुआ जिसके करण जहांगीर ने शाहजहाँ की उपाधि दिया था।


शाहजहाँ की पत्निया
कन्दाहरी बेग़म
अकबराबादी महल
मुमताज महल
हसीना बेगम
मुति बेगम
कुदसियाँ बेगम
फतेहपुरी महल
सरहिंदी बेगम

शाहजहाँ के पुत्र
शाहजहाँ के चार पुत्र थे
औरंगजेब
दारा शिकोह
शाह शुजा
मुराद बख्श

स्थापत्यकला का स्वर्णयुग
शाहजहाँ के शासनकाल को स्थापत्यकला का स्वर्णयुग कहा जाता है। इस दौरान शाहजहाँ ने कई प्रमुख इमारते बनवाई।
दिल्ली का लाल किला
दीवाने आम
दिल्ली का जामा मस्जिद
आगरा का मोती मस्जिद
ताजमहल
शीश महल ( लाहौर किले मे स्थित)

शाहजहाँ के दरबार के मुख्य कलाकार
मुहम्मद फकीर (चित्रकार)
मीर हासिम (चित्रकार)
लाल खा (संगीतज्ञ)
जगन्नाथ (संगीतज्ञ)

ताजमहल (दुनिया का अजूबा)

1612 ई मे शाहजहाँ का विवाह आसफ ख़ा की पुत्री अर्जुमंद बानो बेगम से हुआ। जिसे शाहजहाँ ने मलिका – ए- जमानी की उपाधि प्रदान की। 7 जून 1631 ई मे प्रसव पीड़ा के कारण अर्जुमंद बानो बेगम की मृत्यु हो गयी। शाहजहाँ अपनी बेगम मुमताज़ महल की याद मे ताजमहल का निर्माण आगरा मे उसकी कब्र के ऊपर बनवाया। उस्ताद ईशा ने ताजमहल की रूप रेखा तैयार किया था। ताजमहल का निर्माण करनेवाला मुख्य स्थापत्य कलाकार उस्ताद अहमद लाहौरी था।

शाहजहाँ के उतराधिकार का युद्ध


बहादुरपुर की लड़ाई ( फरवरी 1658 )
धरमट का युद्ध ( 15 अप्रैल 1658 )
सामूगढ़ का युद्ध ( 29 मई 1658 )
खजुआ युद्ध (5 जनवरी 1659 )
देवराय का युद्ध ( मार्च 1659 )

बहादुरपुर की लड़ाई ( फरवरी 1658 )
सितम्बर 1657 मे जब शाहजहाँ गंभीर रूप से बीमार हुआ तो उसके पुत्रो के बीच उतराधिकार का युद्ध प्रारम्भ हुआ। 1658 मे दारा शिकोह, शाहशुजा, औरंगज़ेब व मुराद बख़्श सत्ता के लिए लड़ने लगे।

धरमट का युद्ध 
धरमत का युद्ध 15 अप्रैल, 1658 ई. को लड़ा गया था। 15 अप्रैल, 1658 को जब शाहजहाँ बीमार था, तब शाहजहाँ के स्थान पर शाही सेना थी। जिसका नेतृत्व दारा के साथ राजा जसवंत सिंह एवं कासिम अली कर रहे थे और विद्रोह मे औरंगजेब था जिसका साथ मुराद दे रहा था, के बीच युद्ध हुआ। यह युद्ध उज्जैन से 14 मील की दूरी पर हुआ था। इस युद्ध मे दारा की हार हुई।

सामूगढ़ का युद्ध
सामूगढ़ का युद्ध 29 मई 1658 को दारा और औरंगजेब के बीच हुआ। इस युद्ध जब भी दारा की हार हुई।

खजुआ युद्ध
खजुहा की लड़ाई 5 जनवरी, 1659 को नवगठित मुगल सम्राट औरंगजेब और शाह शुजा के बीच लड़ी गई लड़ाई थी, जिसमे औरंगजेब ने खुद को बंगाल में मुगल सम्राट घोषित किया था।

देवराई का युद्ध 
उत्तराधिकारी का अंतिम युद्ध देवराई की घाटी मे  औरंगजेब और दारा शिकोह के बीच लड़ा गया था। इस युद्ध में औरंगजेब दारा शिकोह से विजय हुआ। और अपने भाई दारा शिकोह को कंकवाड़ी किले (अलवर) में कैद करा दिया।


शाहजहाँ की मृत्यु
8 जून 1658 को औरंगजेब ने शाहजहाँ को बंदी बना लिया।
आगरा के किले मे आठ साल कैदी जीवन के बाद 22 जनवरी 1666 को शाहजहाँ 74 वर्ष की अवस्था मे मर गया।

खुर्रम कौन था?

खुर्रम ने अहमदनगर के वजीर मलिक अम्बर के विरुद्ध युद्ध विजय हुआ जिसके करण जहांगीर ने शाहजहाँ की उपाधि दिया था।

शाहजहाँ किस लिए प्रसिद्ध था?

शाहजहाँ ने कई शानदार स्मारक बनवाए, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध आगरा में ताजमहल है ।

शाहजहाँ का शासन काल क्या था?

1628-1658

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