Atmosphere Layers Of Earth | पृथ्वी पर वायुमंडल की परतें

Atmosphere Layers Of Earth

पृथ्वी का वायुमंडल वायुमंडल की परतें वायुमंडल में पाई जाने वाली गैस ओजोन परत वायुमण्डल की परिभाषा
Atmosphere Of Earth Atmosphere Layers Of Earth Gases In Atmosphere Ozon Layer

Atmosphere Layers Of Earth

हमारी पृथ्वी चारों तरफ से विभिन्न गैसों के मिश्रण से गिरी हुई है जिस की मोटाई सैकड़ों किलोमीटर है इसे ही वायुमंडल कहते हैं पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण ही पृथ्वी पर वायुमंडल बना हुआ है।
पृथ्वी की सतह से लगभग 2900 किलोमीटर तक वायुमंडल है।
वायुमंडल के कारण ही सूर्योदय हमें 2 मिनट पहले ही दिखाई देता है और सूर्य डूबने के 2 मिनट बाद तक दिखता है।
पृथ्वी पर वायुमंडल को पांच भागों में विभाजित किया गया है।

  1. क्षोभ मण्डल Troposphere
  2. समताप मण्डल Stratosphere
  3. मध्य मण्डल Mesosphere
  4. आयन मण्डल Ionosphere
  5. बहिर्मंडल  Exosphere
atmosphere levels

Troposphere | क्षोभ मण्डल

  • क्षोभमंडल का विस्तार दोनों पोल्स से 8 किलोमीटर और 0° अक्षांश से 18 किलोमीटर तक पाया जाता है।
  • क्षोभमंडल की औसत ऊंचाई 14 किलोमीटर है।
  • Teisserenc De Bort ने सर्वप्रथम इसे जो क्षोभमंडल (Troposphere) नाम दिया था।
  • क्षोभमंडल और समताप मंडल को अलग करने वाली रेखा को क्षोभरेखा या क्षोभीयसीमा कहते हैं।
  • क्षोभीय सीमा में तापमान समान होता है।
  • क्षोभमंडल में तापमान 165 मीटर जाने पर 1 डिग्री सेल्सियस घटता रहता है यानी 1 किलोमीटर जाने पर 6.5 डिग्री सेल्सियस घट जाता है।
  • 18 किलोमीटर पर तापमान -80°C से -100°C तक होता है।
  • मौसम संबंधित सभी घटनाएं क्षोभमंडल में होती है।
  • हेलीकॉप्टर उड़ते क्षोभमंडल में उड़ते हैं।

Stratosphere | समताप मण्डल

  • समताप मंडल की ऊंचाई 18 किलोमीटर से लेकर 50 किलोमीटर तक मानी जाती है।
  •  
  • समताप मंडल में तापमान 200 मीटर प्रति पर 1°C बढ़ जाता है यानी 1 किलोमीटर जाने पर तापमान 5°C बढ़ता है।
  • 50 किमी ऊंचाई पर तापमान 0°C से 32°F होता है।
  • वायुयान उड़ाना समताप मंडल में सुरक्षित माना जाता है क्योंकि समताप मंडल में बादलों का अभाव पाया जाता है और मौसम संबंधित घटनाये नहीं होती हैं।
  • समताप मंडल की खोज Teisserenc De Bort ने 1902 में की थी।
  • ओजोन लेयर 15 किलोमीटर से 55 किमी तक पाई जाती है 15 से 35 किमी तक सर्वाधिक सघनता पाई जाती है और सबसे अधिक सघनता 22 किलोमीटर पर होती है।

Mesosphere | मध्य मण्डल

  • मध्य मंडल की ऊंचाई 50 किलोमीटर से 80 किलोमीटर तक होती है।
  • मध्य मंडल में तापमान 100°C से अधिक ठंडा होता है इसलिए यह सबसे ठंडा मंडल है।
  • आयन मंडल और मध्य मंडल को अलग करने वाली रेखा को मध्य सीमा कहते हैं।
  • मध्य मंडल में आवेशित नाइट्रोजन गैस अधिक होती है इसकी अधिकता के कारण जब कोई पिंड पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के कारण वायुमंडल में प्रवेश करता है तो वह मध्य मंडल में घर्षण के कारण जलने लगता है और हमें उल्कापिंड (टूटता हुआ तारा) इसी मंडल में दिखाई देता है।

Ionosphere | आयन मण्डल

  • 80 किमी से 640 किलोमीटर की दूरी को आयन मंडल कहते हैं।
  • Oliver Heaviside ने 1902 में इसकी खोज की।
  • इसमें तीन लेयर पाई जाती हैं F- Layer E- Layer D- Layer
  • रेडियो तरंगे इसी मंडल से टकराकर पृथ्वी पर वापस आती है।
  • दीर्घ रेडियो तरंगे Layer-D से और मध्यम रेडियो तरंगे Layer-E से और लघु रेडियो तरंगे Layer-F से टकराकर वापस आती हैं।
  • पूरी रेडियो तरंगे Layer-G से टकराकर वापस आती हैं।
  • D, E, और F सूर्य के प्रकाश की स्थिति में ही बनेंगे।
  • Layer- E के कारण ही आकाश का रंग नीला दिखाई देता है।
  • E-Layer में ही अरौरा ध्रुवीय प्रकाश के दर्शन होते हैं।

Exosphere | बहिर्मंडल

  • 640 किलोमीटर से 2900 किलोमीटर की दूरी को बहिर्मंडल कहते हैं
  • सभी प्रकार के सेटेलाइट बहिर्मंडल में ही पाए जाते हैं

Ultraviolet Rays | UV पराबैंगनी किरणे

पराबैंगनी किरणें तीन प्रकार की होती हैं
UV-A
UV-B
UV-C

UV-A यह पूरी मात्रा में पृथ्वी पर आता है।
UV-B इसे ओजोन लेयर रोकती है पर यह कुछ मात्रा में पृथ्वी पर आता है इसे हमें विटामिन D मिलता है।
UV-C यह पृथ्वी पर नहीं आ पाता पर ओजोन लेयर की क्षरण से आ जाए तो स्किन कैंसर हो सकता है सकता हैं।

Ozone Layer | ओजोन परत

Ozone-Layer

ओजोन परत की खोज 1913 में फ्रांस के दो भौतिक वैज्ञानिक चार्ल्स फेबरी और हेनरी बुशोन (Charles Fabry and Henri Buisson) ने की थी।
इंग्लैंड के वैज्ञानिक Gordon Miller Bourne Dobson (GMB Dobson) ने एक यंत्र बनाया जिसका नाम था ।स्पेक्ट्रोफोटोमीटर इस यंत्र के माध्यम से ओजोन की मोटाई मापी जाती है इसकी इकाई Dobson है।
ओजोन क्षरण के बारे में सर्वप्रथम साउथ पोल अंटार्कटिका में पता चला। Joseph Farman ने 1985 में इसका पता लगाया।

NASA Official Website-: https://www.nasa.gov/

Solar System

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