जैसा कि आप सब जानते हैं पिछले 2 सालों में कोरोना ने जो तबाही मचाई है आम जनजीवन के साथ-साथ हर चीज को अस्त-व्यस्त कर दिया।
देश की किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए भारतीय सेना सदैव तत्पर रहती है और इस महामारी के दौरान भी भारतीय सेना ने अपना कर्तव्य बखूबी निभाया हैं।
ऐसे में अगर रैली भर्ती आयोजित की जाती है तो सेना में यह महामारी फैलने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता ।
Why Indian Army Plans To Reduced | क्या सेना का साइज कम करना चाहती है सरकार
जिन फ्यूचर वेपन में अमेरिका, रूस और चीन हम से कई गुना आगे हैं भारत उसमें अपनी जगह भी नहीं बना पाया है।
चाइना ने अपनी सेना को बहुत पहले ही कम करना शुरू कर दिया था एक जापानी मिलिट्री डॉक्यूमेंट के अनुसार चाइना ने 1985 से ही अपनी सेना को कम करना शुरू कर दिया था पर अपनी सेना को मॉर्डनाइज करने पर काम शुरू कर दिया था आज के समय चाइना की एयर फोर्स, रॉकेट फोर्स, नेवी और स्ट्रैटेजिक सपोर्ट फोर्स मिलकर चाइनीज मिलिट्री का आधे से अधिक हिस्सा है।
कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है भारतीय सेना में मेन पावर को कम करके उस से बचे हुए अमाउंट को सेना को मॉर्डनाइज करने और अत्याधुनिक चीजों के विकास में खर्च किया जा सकता है।
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Indian Army Budget 2022 | सेना के आधुनिकरण के लिए बजट में बदलाव
दुनिया भर की सेनाये अपने आप को मॉर्डनाइज करने में जुटी हुई हैं। फ्रांस, चीन ने अभी से सुपर सोल्जर जैसी चीजें बनाने में और अपनी सेनाओं को मॉर्डनाइज करने की पहल शुरू कर दी है ऐसे में जब हमारे पड़ोसी पाकिस्तान और चीन जैसे देश हैं हमारे देश की सेना को मॉर्डनाइज होना बहुत जरूरी है
और इतनी बड़ी सेना को मॉर्डनाइज करना एक बहुत बड़ा चैलेंज हैं।
हालांकि हमारी सरकार ने 2022 में डिफेंस बजट 4.78 लाख करोड़ से बढ़ाकर 5.25 लाख करोड़ कर दिया है पर फिर भी यह बजट हमारी इतनी बड़ी सेना को मॉर्डनाइज करने के लिए नाकाफी है।
आइए जानने की कोशिश करते हैं कि क्यों नाकाफी है इतना बड़ा बजट।
इस बजट का सबसे बड़ा हिस्सा 2.33 लाख करोड़ सैनिकों की सैलरी और अन्य चीजों को मेंटेन करने में चला जाता है।
बजट का दूसरा बड़ा हिस्सा 1.19 लाख करोड़ सैनिकों की पेंशन में
और 20 हजार करोड़ मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस को चला जाता है।
इस तरह से सैनिकों को अत्याधुनिक हथियार, एयरक्राफ्ट,वार्शिप्स और नई नई चीजों की डेवलपमेंट और सेना को मॉर्डनाइज करने के लिए 1.52 लाख करोड रुपए बचते हैं जो इतनी बड़ी सेना को देखते हुए छोटी रकम हैं।
इस तरह से कुल बजट का 45% सैलरी में 20% पेंशन में और 7% मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस हो जाता है और बचे हुए 28 % सेना को मॉर्डनाइज करने के लिए है।
Indian Army Official Website https://indianarmy.nic.in/
History Of Indian Army | भारतीय सेना का इतिहास
आजादी के बाद राष्ट्रपति के नेतृत्व में ब्रिटिश भारतीय सेना और उस समय के स्वतंत्र राज्यों की सेनाओ को मिलाकर भारतीय सेना का विकास हुआ।
भारतीय सेना का मुख्य काम भारत को आंतरिक और बाहरी खतरों से सुरक्षित रखना है।
भारतीय सेना 12 लाख एक्टिव सैनिक और 9.6 लाख रिजर्व सैनिकों के साथ दुनिया की बड़ी सेनाओं में गिनी जाती है।
भारतीय सेना बहुत सारी यूनाइटेड नेशन के तहत चलने वाली शांति बनाए रखने वाले मिशन में दूसरे देशों में हिस्सा लेती रहती है। जिसमें साइप्रस, सूडान, वियतनाम, सोमालिया, अल सल्वाडोर, लेबनान, कंबोडिया,लाइबेरिया,साउथ सूडान, रिपब्लिक ऑफ कोंगो,अंगोला, नामीबिया,और मोजम्बिकी शामिल हैं।
हर साल भारतीय सेना से 60000 सैनिक रिटायर होते हैं इसलिए देशभर में 100 नई रैली करके नए सैनिकों को भर्ती किया जाता है।
पिछले 2 सालों से कोरोना महामारी की वजह से यह नई भर्तियां रुकी हुई है।
Tour of Duty Recruitment | क्या हैं टूर ऑफ ड्यूटी
स्वo जनरल बिपिन रावत ने टूर ऑफ ड्यूटी का प्रस्ताव रखा था जिसमें भारत के नागरिकों को भारतीय सेना में 3 साल के लिए सेवा देने का मौका दिया जाएगा ।
जिसे हम लागू करने की बात की जा रही है 3 साल तक जवान को मिलने वाली सैलरी टैक्स फ्री हो सकती है और 3 साल सर्विस देने के बाद उन्हें सिविल सर्विस परीक्षा हो जैसे पुलिस में कुछ छूट दी जा सकती है।
सरकार को इससे सबसे ज्यादा फायदा सैलरी और पेंशन में बचत का होगा।
हालांकि कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है एक प्रोफेशनल सैनिक को 3 साल के सैनिक से रिप्लेस करने से भारतीय सेना बहुत कमजोर हो सकती है और आर्मी ट्रेन सोल्जर का 3 साल में ही आर्मी से बाहर आ जाना और ऐसे समाज में रहना जहां वाइलेंस इतना ज्यादा है यह बहुत रिस्की हो सकता है उन्हें हर तरह के हथियार की ट्रेनिंग मिली है पर उन्हें हथियार चलाने में बिल्कुल भी संकोच नहीं होगा।
हमारी भारतीय सीमा के बॉर्डर से बहुत सेंसिटिव है पाकिस्तान और चीन जैसे पड़ोसियों की वजह से हमारी सेना को हमेशा तुरंत वार का खतरा बना रहता है इसके लिए हमारी सेना का बड़ी होना बेहद जरूरी है।
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